How to start a construction company in india | construction business ideas | कंस्ट्रक्शन कंपनी कैसे शुरू करें?
कंस्ट्रक्शन कंपनी शुरू करने के शुरुआती दिनों में अनेक प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
किसी भी कंस्ट्रक्शन कंपनी को चलाने के लिए अनुभव और जरूरी नियमों को जानना भी आवश्यक होता है।अगर आप स्वंम का कंस्ट्रक्शन कंपनी शुरू करना चाहते हैं तो कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां है जिनको जानकर आपको कंस्ट्रक्शन कंपनी शुरू करने में मदद करेंगी। और आप अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होंगे।
कंस्ट्रक्शन कंपनी शुरू करने से पहले योजना बनाना
जब कंस्ट्रक्शन कंपनी को शुरू करने से पहले योजना बनानी होती है इस योजना में व्यवसाय से संबंधी जानकारियां शामिल होनी चाहिए।
कंस्ट्रक्शन कंपनी के लिए, स्थान , निवेश, बजट की प्रकृति, उपकरण, श्रमिकों से संबंधित जानकारी के साथ साथ रणनीति, मार्केटिंग, विज्ञापन आदि पर भी ध्यान दिया जाता है।
कंस्ट्रक्शन कंपनी शुरू करते समय कितने श्रमिकों और कौन कौन से कंस्ट्रक्शन उपकरणों की आवश्यकता होती है यह भी योजना का हिस्सा होता है।
कंस्ट्रक्शन कंपनी के लिए उपयुक्त अनुभव
अगर आप कंस्ट्रक्शन कंपनी शुरू करने का मन बना चुके है तो उसके लिए आपको कंस्ट्रक्शन व्यवसाय से संबंधित जानकारियों को समझना होगा उसके लिए आपको किसी ठेकेदार के साथ काम करके अथवा व्यवसाय के दौरान किसी ठेकेदार से संपर्क के माध्यम से आप काम का अनुभव ले सकते हैं।
एक कंस्ट्रक्शन कंपनी ही नहीं बल्कि किसी भी प्रकार के व्यवसाय के लिए उस व्यवसाय से संबंधित जानकारी का होना अति आवश्यक है।
कंपनी के लिए उपयोगी रिसर्च
कंस्ट्रक्शन कंपनी शुरू करने के लिए यह आवश्यक है कि कंपनी के लिए उपयुक्त स्थान , देश अथवा दूसरे राज्य, और उनके नियम और कानूनों को जानना यह सब रिसर्च का एक भाग है।
कंस्ट्रक्शन कंपनी के लिए जगह का चुनाव कंपनी की प्रकृति पर निर्भर करती है कि कंपनी किस प्रकार के काम को करना पसंद करती हैं।
काम की प्रकृति के अनुसार कंस्ट्रक्शन कंपनी बड़ी अथवा छोटी हो सकती है। जहां छोटी कंपनियों से मतलब कम पुंजी के अनुसार काम लेना जैसे फ्लोरिंग, वाॅल पैनलिंग, पब्लिक हेल्थ, या छोटे घरों का निर्माण कार्य आदि इसके लिए आपको बड़ी कंपनियों से संबंध बनाना होगा जबकि बड़ी कंपनियों से मतलब है कि जिसके पास कंस्ट्रक्शन से संबंधित सभी प्रकार के संसाधन उपलब्ध होते हैं। इन कंपनियों के आफिस अक्सर बड़े शहरों में बनाए जाते हैं।
कंस्ट्रक्शन कंपनी का रजिस्ट्रेशन
कंपनी का रजिस्ट्रेशन के नियम निर्देश भिन्न राज्यों में अलग-अलग हो सकते हैं। कंपनी के रजिस्ट्रेशन के लिए भारत सरकार ने कंपनी अधिनियम के अनुसार कंपनी को प्राइवेट लिमिटेड, पब्लिक लिमिटेड, सोल प्रोपाइटरशिप , पार्टनरशिप फर्म या लिमिटेड लाइविलिटी पार्टनरशिप के रूप में काॅर्पोरेट मामले के मंत्रालय (MCA) के साथ रजिस्टर्ड होना होगा।
कंपनी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए कंपनी के मालिक को GST नंबर और सेल्स टैक्स नंबर को प्राप्त करना अनिवार्य है।
यदि कंपनी में कर्मचारियों को रखने की क्षमता 20 से अधिक है तब उस स्थिति में कंपनी के मालिक को अन्य दस्तावेजों की आवश्यकता होगी जैसे कंपनी का टीन नंबर, पीडब्ल्यूडी लाईसेंस, कंपनी का अपना बैंक अकाउंट, कंपनी के कर्मचारियों का ईपीएफओ में रजिस्ट्रेशन तथा श्रमिकों के लिए इंश्योरेंस आदि।
कंस्ट्रक्शन कंपनी संबंधी उपकरण
कंस्ट्रक्शन कंपनी के लिए उपकरणों का अहम योगदान होता है।इस बात को दुसरी तरह कहे तो बिना उपकरणों के कंस्ट्रक्शन कंपनी को शुरू नहीं किया जा सकता है इसके लिए आप कुछ कम पुंजी वाले उपकरण खरीद सकते हैं तथा कुछ को आप भाड़े पर ले सकते हैं।
कंपनी के लिए आपको, कंक्रीट मिक्सचर मशीन , जनरेटर, टैक्टर, ड्रिल मशीन आदि उपकरणों की आश्यकता होती है।
कंस्ट्रक्शन संबंधी कर्मचारियों की भर्ती
कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाने के लिए आपको टीम के साथ चलना होगा। अर्थात आप अकेले कंपनी नहीं चला सकते हैं।कंपनी को चलाने के लिए आपको राजगीर मिस्री, पलांबर, कारपेंटर, पेंटर, साइट इंजीनियर आदि को टीम में शामिल करना होगा। इंजीनियर के विकल्प में आप सुपरवाइजर को नियुक्त कर सकते हैं।
कंपनी के कर्मचारीयों का इंस्योरेंस (बीमा) करवाना
कंस्ट्रक्शन कंपनी में कार्य करने वाले कर्मचारियों और श्रमिकों का काम जोखिम भरा होता है। किसी भी समय दुर्घटना, क्षति, बिमारी, या किसी कारण वश श्रमिक की मृत्यु होना जैसी अनेक समस्याओं से बचने के लिए कंपनी को अपने श्रमिकों का इंस्योरेंस करवाने की सलाह दी जाती है। श्रमिकों का इंस्योरेंस करवाने से कंपनी के मालिक को तनाव से मुक्त तथा श्रमिकों के अंदर अपने विश्वास के प्रति जागरूकता आएगी।
कंपनी के लिए आवश्यक पुंजी स्त्रोत
कंस्ट्रक्शन कंपनी को चलाने के लिए तथा टीम को सैलरी देने के लिए कंपनी को निवेश करना होता है इसके लिए कंपनी कार्यकाल के दौरान कंपनी के लिए उपयुक्त उपकरणों को भाडो तथा श्रमिकों के लिए कैश कि आवश्यकता को पूरा करने के लिए नकदी की आवश्यकता होती है नकदी संकट के समय आप बैंक अथवा लोन देने वाले संस्थानों का विकल्प चुन सकते हैं।
आजकल अनेक प्राईवेट बैंक या लोन कंपनीया आसान विकल्पों के साथ आकर्षक ब्याज दरों पर नकदी उपलब्ध कराती है।
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