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Combined footing and types | कंबाइंड फ़ुटिंग्स और प्रकार

Combined footing and types | कंबाइंड फ़ुटिंग्स और प्रकार 



एक कंबाइंड फ़ुटिंग्स एक पंक्ति में दो या दो से अधिक काॅलमो को खड़ा किया जा सकता है।कंबाइंड फ़ुटिंग्स का आकार काॅलमो के डिजाइन और भार पर निर्भर करता है  काॅलम की समान डिजाइन और भार के अनुरूप फ़ुटिंग्स आयताकार हो सकती है लेकिन काॅलमो की डिजाइन और भार विभिन्न होने पर फ़ुटिंग्स टरपेजोइडल (trapezoidal) हो सकतें हैं।
कंबाइंड फ़ुटिंग्स को रएंफोर्रसमेंट (reinforcement) में बनाया जाता है। कंबाइंड फ़ुटिंग्स को डिजाइन करते समय काॅलमो के गुरूत्वाकर्षण के केन्द्र का स्थान और फ़ुटिंग्स के केन्द्र से मेल होना चाहिए मैक्स्इमॅम बिन्डिंग मोमन्ट (maximum bending moment) के अनुसार फ़ुटिंग्स के रएंफोर्रसमेंट (reinforcement) अनुरूप संबंधित जानकारी, जॉइन्ट, स्टील की मात्रा, सीमेंट की जांच होनी चाहिए।

कंबाइंड फ़ुटिंग्स दो प्रकार की होती है


आयताकार कंबाइंड फ़ुटिंग्स (Rectangular combined footing)

टरपेजोइडल कंबाइंड फ़ुटिंग्स(Trapezoidal combined footing)



आयताकार कंबाइंड फ़ुटिंग्स (Rectangular combined footing)

आयताकार कंबाइंड फ़ुटिंग, कंबाइंड फ़ुटिंग्स का अहम प्रकार है।जिसका उपयोग लगभग सभी प्रकार की इमारतों भवनों में किया जाता है। इस प्रकार कि फ़ुटिंग्स दो या दो से अधिक काॅलमो को सपोर्ट कर सकती हैं।इनका उपयोग समान साइड अथवा समान लोड कि परिस्थितियों में किया जाता है।

टरपेजोइडल कंबाइंड फ़ुटिंग्स(Trapezoidal combined footing)



टरपेजोइडल कंबाइंड फ़ुटिंग्स  कंबाइंड फ़ुटिंग्स का दूसरा अहम प्रकार है। इस प्रकार के फ़ुटिंग्स का उपयोग तब किया जाता है जब काॅलमो का भार अलग अलग स्थानों पर अलग और काॅलमो के साइज , डिजाइन एक दूसरे काॅलमो से भिन्न हो इस परिस्थिति में अधिक भार अथवा अधिक साइज वाले
काॅलम कि फ़ुटिंग्स को  कम भार या साइज में छोटे काॅलमो कि अपेक्षा फ़ुटिंग्स के आकार में वृद्धि कर दी जाती है।

कंबाइंड फ़ुटिंग्स की निम्नलिखित परिस्थितियां हो सकती है।

1-  कंबाइंड फ़ुटिंग्स का उपयोग किया जा सकता है जब दो या अधिक काॅलम समीप हो। अर्थात बीच की दूरी कम हो।
2-   कंबाइंड फ़ुटिंग्स का उपयोग भुमि कि असर क्षमता (soil bearing capacity) पर निर्भर करती है अर्थात भूमि कि असर क्षमता (soil bearing capacity) कम होने पर कंबाइंड फ़ुटिंग्स का उपयोग किया जाता है।
3- कंबाइंड फ़ुटिंग्स का उपयोग इस कंडिशन में भी किया जाता है जब भवन के समीप से किसी प्रकार के जल संग्रह जैसे तालाब, नाला आदि का होना हो।
4-  जब मिट्टी की वहन क्षमता कम होती है और फ़ुटिंग्स के मध्य अधिक आयाम हो तब कंबाइंड फ़ुटिंग्स का उपयोग किया जाता है।

कंबाइंड फ़ुटिंग्स को डिजाइन करने की प्रक्रिया

1- काॅलम लोड के बिंदु/केंद्रों का पता लगाएं। काॅलमो के भार फ़ुटिंग्स के केन्द्र से होकर गुजरता है जब फ़ुटिंग्स के क्षेत्र कि गणना करते हैं तब उपयुक्त मिट्टी का अधिक दबाव नहीं होना चाहिए।
2- शियर फाॅर्स और बैंडिंग मुमन्ट कि गणना करें तथा  शियर फाॅर्स डायग्राम (shear force diagram) और बैंडिंग मुमन्ट डायग्राम (bending moment diagram) को ड्राफ्ट करें।
3- फ़ुटिंग्स को लोंगितुंडिनल  जांच करें फिर
लोंगितुंडिनल स्टील डिजाइन करें।
4-  लोंगितुंडिनल मुमन्ट के लिए रएंफोर्रसमेंट (rainforcment) को डिजाइन करें । और उपयुक्त मात्रा के अनुरूप रखें।
5-  डिव़ेलप (develop) कि गई लोंगितुंडिनल स्टील की लम्बाई कि जांच करें।जब रएंफोर्रसमेंट को ड्राफ्ट तथा डिटेल करे तब बार बैंडिंग सडयुल bar bending schedule को तैयार करें।




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1 टिप्पणियाँ

  1. Meri building m muje 3flour bnane h muje ground floor bna hua h muje building thodi age ki traf bdhani lagbhag cloum see 10 fut to muje combined futing kese karani chai size 26fit front 75fitlength

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