How to become start fly ash bricks business in hindi | fly ash bricks machine | fly ash bricks manufacturing process | फ्लाई ऐश इंटों का व्यवसाय कैसे शुरू करें ?
ईंट, भवन निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सबसे छोटी इकाई है। ईंटों का उपयोग भवन निर्माण के अधिकांश कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है जिन स्थानों पर पत्थर उपलब्ध नहीं होते हैं वहां पर ईंटों का उपयोग आमतौर पर पत्थर के विकल्प के रूप में किया जाता है लेकिन बढ़ते प्रदूषण और वृक्षों की अंधाधुंध कटाई को देखते हुए फ्लाई ऐश ईंट का उपयोग भट्ठो पर पक्की ईंटों के विकल्प में किया जा रहा है।
लगभग सभी महानगरों में आजकल फ्लाई ऐश ईंट का उपयोग मिट्टी के ईंटों की तुलना में ज्यादा प्रयोग किया जा रहा है।इसका कारण फ्लाई ऐश का किफायती, मजबूत , पूर्ण आयताकार आकार, टिकाऊ, और पर्यावरण के अनुकूल, होना है।
फ्लाई ऐश ईंटों का उपयोग गांव में खंडजा बिछाने, घर के आंगन में बिछाने, आॅफिस, लाॅज, पार्कों, फुटपाथ आदि बनाने में किया जा रहा है।
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फ्लाई ऐश ब्रिक मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस को शुरू करने के लिए महत्वपूर्ण जानकारियों की आवश्यकता है यह जानकारियां बिजनेस शुरू करने से पहले प्रश्न के रूप में स्वंम से विचार विमर्श कर सकते हैं। यह प्रश्न इस प्रकार है।
- जैसे ईंटों की मैन्युफैक्चरिंग के लिए उचित स्थान का चयन
- मैन्युफैक्चरिंग के लिए आवश्यक कच्चा माल एवं मशीनरी
- मैन्युफैक्चरिंग में आने वाली लागत
- उपयोगी लाइसेंस
- मैन्युफैक्चरिंग से कमाई और मार्केटिंग
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मैन्युफैक्चरिंग के लिए जगह का चयन
फ्लाई ऐश ईंट की मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने के लिए आपको उचित जगह का चयन करना होगा यह जगह आपको किसी बड़े अथवा छोटे शहर के आसपास या आसपास के किसी क्षेत्र या गांव में हो सकती है।जहां ईंटों को सुखाने के लिए पर्याप्त जगह हो।
जगह का चयन करने से पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि जगह पर पानी , बिजली, यातायात आदि की उचित व्यवस्था होनी चाहिए ताकि उत्पादित माल को ग्राहकों तक आसानी से पहुंचाया जा सके।
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मैन्युफैक्चरिंग के लिए मशीनरी और कच्चा की आवश्यकता
फ्लाई ऐश ईंटों को बनाने के लिए कच्चे माल की आवश्यकता होती है जैसे सीमेंट, फ्लाई ऐश, बालू , पानी, चुना पत्थर, कंक्रीट आदि
इन सभी को मिलाकर फ्लाई ऐश ईंटें बनायी जाती है।इन ईंटों को बनाने के लिए मशीनरी की भी आवश्यकता होती है ये मशीनें मिक्सचर मशीन , ईंटों को ढालने वाले सांचे , मैन्युअल मशीन , या आटोमेटिक ब्रिक मेकिंग मशीन आदि है।
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फ्लाई ऐश बनाने की विधि:
फ्लाई ऐश ईंट बनाने के का मिक्सचर तीन प्रकार से बना सकते हैं।
पहला कंक्रीट +बालू +सीमेंट के संयोजन से
दूसरा फ्लाई ऐश (55%) +बालू (35%)+ सीमेंट (10%) के संयोजन से
तीसरा फ्लाई ऐश (65%)+ बालू (20%)+ चूना पत्थर (10%)+ जिप्सम (5%) के संयोजन से
उच्च गुणवत्ता के फ्लाई ऐश ब्रिक बनाने के लिए सामग्रियों को उचित अनुपात में मिश्रण किया जाता है इसके लिए मिक्सचर मशीन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
प्राप्त मिक्सचर को पेस्ट के रुप में तैयार कर लिया जाता है।पेस्ट को आप मैन्युअल मशीन या फूली आटोमेटिक मशीन में डालते हैं। मशीन में विभिन्न प्रकार के डाई का इस्तेमाल होता है जिससे मशीन में लगे डाई के आकार के अनुसार ढल कर बाहर आता है जिसको आप 2 या 3 तीन दिन छांव में सुखाने के लिए रखा जाता है। सुखाने के लिए धूप की आवश्यकता नहीं होती है।
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मैन्युफैक्चरिंग में आने वाला खर्च
मैन्युफैक्चरिंग के लिए कच्चे, मशीनरियों की कीमत और जगह खरीदने अथवा किराया में तथा श्रमिकों की मजदूरीयों, मशीन आॅपरेटर, विधुत बिल , ट्रांसपोर्ट खर्च आदि मिलाकर लगभग 15 से 20 लाख तक का निवेश करना पड़ेगा
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लाइसेंस
फ्लाई ऐश की मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने के लिए आपको कंपनी को रजिस्टर्ड करना होगा। तथा कंपनी की पहचान के लिए लोगो चुनना होगा। इसके बाद आपको अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होगी जैसे प्रदूषण नियंत्रण विभाग से पोल्यूशन एक्ट के अनुसार N.O.C., ट्रेड लाइसेंस, लैंड रिकॉर्ड, लेबर लाईसेंस तथा जीएसटी रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता होगी।
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व्यवसाय से कमाई
फ्लाई ऐश ईंट आमतौर पर सीमेंट के मूल्यों पर निर्भर करती है क्योंकि सीमेंट का मूल्य समय समय पर बदलता रहता है।
अनुमानित प्राफिट की बात की जाए तो आप 1 महिने के अन्तर्गत एक लाख ईंटों की ब्रिकी पर आप 1.5 से 2 लाख रुपए तक कमाई कर सकते हैं।
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मार्केटिंग
व्यवसाय में प्रोफिट को बढ़ाने के लिए मार्केटिंग की आवश्यकता होती है। इसके लिए आप अपने ईंटों के नमूनों को बिल्डरों, कांस्टेक्टरों , राजगीर , गाम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य आदि लोगों से सिफारिश कर सकते हैं तथा साथ ही जगह जगह पोस्टर बैनर के आधार पर कंपनी का प्रचार कर सकते हैं।
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