Construction management and responsibilities | construction manager salary | निर्माण प्रबंधन और जिम्मेदारियां
निर्माण प्रबंधन यह सुनिश्चित करने का अभ्यास है कि निर्माण कार्य को प्रभावी ढंग से ओर कुशलता से किया जाए।
निर्माण प्रबंधकों को अनुबंध प्रबंधन (Contract management), जोखिम प्रबंधन (Risk Management), सुरक्षा प्रबंधन (safety management), परियोजना प्रबंधन (Project Management), गुणवत्ता प्रबंधन (quality management), पर्यावरण प्रबंधन (environmental management), विरोधाभास प्रबंधन(contradiction Management) और संचालन प्रबंधन (Operations Management) का गहन ज्ञान होना आवश्यक है।
आवासीय निर्माण (residential construction), संस्थागत (Institutional) और वाणिज्यिक भवन निर्माण (commercial building construction), विशेष औद्योगिक निर्माण (industrial construction), टाउनशिप निर्माण (township construction), बिजली उत्पादन परियोजनाएं (power generation projects), राजमार्ग (Highway), एवं भारतीय रेलवे(Indian Railways) की विस्तार परियोजनाएं वह प्रमुख निर्माण गतिविधियां है जहां निर्माण प्रबंधक(building manager) की विशेष आवश्यकताएं होती है।
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अन्य उधोगों पर निर्माण उधोग का प्रभाव
निर्माण उधोग विनिर्माण उद्योग के साथ अत्यंत गहराई से जुड़ा हुआ है। इंवेस्टइंडिया डांट जीओवी डॉट इन के अनुसार निर्माण उधोग स्टील उद्योग में 55% पेंट उधोग में 15% और कांच उद्योग में 30% का योगदान देता है।
भारत में निर्माण उधोग में रियल एस्टेट और शहरी विकास खंड शामिल हैं। रियल एस्टेट खंड में आवासीय कार्यालय, होटल और पार्क, इत्यादि शामिल हैं जबकि शहरी विकास खंड में मोटे तौर पर जल आपूर्ति, स्वच्छता, शहरी परिवहन, स्कूल और स्वास्थ्य सेवा जैसे खंड शामिल हैं।
निर्माण प्रबंधक के कार्य
- निर्माण कार्य से संम्बधित दस्तावेज तैयार करना,
- दैनिक, साप्ताहिक और मासिक कार्य योजना बनाना, एवं निरीक्षण करना,
- सरकारी अधिकारियों से आवश्यक अनुमोदन, लाइसेंस और मंजूरी प्राप्त करना,
- निर्माण गतिविधियों कि दिन-प्रतिदिन की प्रगति का विस्तृत रिकॉर्ड रखना,
- साइट पर श्रमिकों को काम सौंपना और श्रमिकों के बीच समन्वय स्थापित करना,
- संसाधनों का सही उपयोग सुनिश्चित करना,
- सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देशों का प्रचार करना,
- ठेकेदारों के साथ संपर्क करना और काम करवाना,
- ग्राहक और वरिष्ठ प्रबंधक को रिपोर्ट करना,
निर्माण परियोजनाओं की विषेशताएं ;
1. अनूठे स्थान ( कोई भी दो निर्माण साइट कभी भी समान नहीं हो सकती है।)
2. जटिलता ( कई डोमेन के गहन ज्ञान की आवश्यकता है- उदाहरण के लिए, नलसाजी कार्य, विधुत कार्य, निविदा प्रक्रिया का ज्ञान, निर्माण संबंधी कानूनों का ज्ञान)
3. अनिश्चितताएं (निर्माण से अनेक जोखिम जुड़े हुए होते हैं।)
4. सामान्य तौर पर निर्माण उधोगों के मुकाबले अधिक चुनौतीपूर्ण है क्योंकि निर्माण उधोग में कई परस्पर विरोधी दल शामिल होते हैं।
निर्माण उधोग से जुड़े सरकारी मंत्रालय/विभाग
- - आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार
- - हडको - हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन
- - पेयजल और स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय
- - ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार
- - एन बी सी सी (नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन)
- - निर्माण सामग्री एवं प्रोधौगिकी संवर्धन परिषद
- - कांन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवेलपर्स अस्सोसिएशन्स ऑफ इंडिया
- - नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स
- - नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल
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