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What is cavity wall in Hindi | Cavity wall | why cavity wall are used | cavity walls advantage | cavity wall details | कैविटी वाॅल क्या है | कैविटी वाॅल की क्या उपयोगिता है।

What is cavity wall in Hindi | Cavity wall |  why cavity wall are used | cavity walls advantage | cavity wall details | कैविटी वाॅल क्या है | कैविटी वाॅल की क्या उपयोगिता है।


What is cavity wall in Hindi


cavity wall (कैविटी वाॅल ) को दो अलग-अलग दीवारों को एक साथ बनाते हैं जिनके बीच में कुछ खाली जगह को छोड़ा जाता है जिसमें किसी प्रकार के इंसुलिन का इस्तेमाल किया जाता है। 

ज़्यादातर cavity wall (कैविटी वाॅल ) का उपयोग भवनों की बाहरी दीवारों को बनाने में किया जाता है। जिससे भवनों को साउंड इंसुलेटिंग या हिट इंसुलेटिंग किया जाता है। 



Cavity wall details | construction detail of cavity wall 

जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि इसमें दो दीवारों को आपस में एक साथ बनाया जाता है। इसमें बाहर वाली दीवार (external leaf ) और आंतरिक दीवार ( internal leaf ) होती है।

cavity wall (कैविटी वाॅल ) को बनाने के लिए अनेक प्रकार हो सकते हैं। जैसे आंतरिक दीवार ( internal leaf ) को कम मोटा बाहर वाली दीवार (external leaf ) को अधिक मोटा बनाया जाता है । या दीवार की दोनों दीवारों आंतरिक दीवार ( internal leaf ) और बाहर वाली दीवार (external leaf ) को समान मोटा करके बनाया जाता है।

दीवार की मोटाई , भवन निर्माण की प्रवृत्ति पर निर्भर करती है।


दीवार की आंतरिक दीवार ( internal leaf ) और बाहर वाली दीवार (external leaf ) को आपस में जोड़ने के लिए टाई ( ties ) का उपयोग किया जाता है जिसको कम से कम पर वर्ग मीटर पर 5 टाई ( ties ) को लगाया जाता है।

why cavity wall are used


cavity wall (कैविटी वाॅल ) की मोटाई 40 मिलीमीटर से कम नहीं होनी चाहिए और 100 मिलीमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए।


दीवारों की नमी से बचाने के लिए इसमें DPC ( damp proof course) का इस्तेमाल होता है।



Building regulations

बिल्डिंग कोड के अनुसार, आमतोर पर कैविटी वाॅल को 265 mm से 275 mm तक मोटा रखा जाता है। जिसमें  leaf को 102.5 mm और दीवार के बीच की जगह को 60 से 70 mm तक होगी।



दीवार की भीतरी भाग ( internal leaf ) को भवन भार (building load ) के अनुसार बड़ा कर सकते हैं।


Position of cavity wall at foundation | cavity extending up to concrete bed 


कैविटी वाॅल को बनाते समय कैविटी बनाते हैं तब हमें फ्लोर फिनिश ( floor finish level) से नीचे DPC (damp proof course) देना होता है।


ब्रिक वर्क (brick work) करते समय ब्रिक ज्वांटस को ठीक से भरना है उसमें किसी प्रकार का खोखला वर्क नहीं होना चाहिए खराब ब्रिक वर्क होने पर नमी और मॉस्चर हो सकते हैं जिससे दीवार नीचे से कमजोर हो सकती है ।


Position of cavity at foundation


कैविटी वाॅल को नमी से बचाने के लिए दीवार की फ्लोर फिनिश लेवल (floor finish level) से फाउंडेशन लेवल (foundation level) तक कंक्रीट को भरा जाता है और भरे जाने वाले कंक्रीट का अनुपात 1:2:4 में तैयार किया जाता है कंक्रीट को 150 mm तक हमें इसको देना होता है।


भरे जाने वाले कंक्रीट डीपीसी (DPC) से नीचे आएगा दीवार की दोनों भागों के लिए अलग-अलग डीपीसी  (DPC) देना है।

दीवार में हमें सही तरीके से ड्रेनेज होल्स या वीप होल्स को देना होता है जो बारिश के पानी को कैविटी वॉल से बाहर करने के लिए वीप (weep) होल्स  का उपयोग होता हैे। 


weep holes




वीप (weep) होल्स का उपयोग दीवार के प्रेशर को संतुलित करने के लिए किया जाता है।


Insulation of cavity wall 


कैविटी वाॅलों के दोनों भागों के बीच की खाॅली जगह में  इंसुलेशन मैटेरियल ( insulation materials) का इस्तेमाल करते हैं। जो साउंड इंसुलेशन और हिट इंसुलेशन आदि का काम करता है।

Insulation of cavity wall


इंसुलेशन मैटेरियल हम उतना ही दे सकते हैं जितना कि हमारी कैविटी वाॅलों के दोनों भागों के बीच की जगह है।

इंसुलेशन मैटेरियल को हम कंस्ट्रक्शन के साथ-साथ या कंस्ट्रक्शन के बाद भी भर सकते हैं।

इंसुलेशन मैटेरियल जैसे foam, polyurethane, wood, थर्माकोल आदि जिनका उपयोग कैविटी वॉल में इंसुलेशन मटेरियल  के तौर पर कर सकते हैं।



Advantages of cavity wall 

जिन जगहों पर बहुत अधिक सीलन प्रॉब्लम होता है अथवा जिन जगहों पर बहुत अधिक गर्मी होती है जैसे राजस्थान पंजाब वहां पर गर्मी से बचने के लिए या गर्मी को कम करने के लिए कैविटी वाॅलों का इस्तेमाल होता है। 


कैविटी वॉल का उपयोग साउंड इंसुलेशन के लिए उपयोग किया जाता है। सिनेमाघर, ऑडिटोरियम, साउंड स्टूडियो, म्यूजिक स्टूडियो आदि की दीवारें कैविटी वॉल होती हैं।


Disadvantages of cavity wall

कैविटी वॉल बनाने के लिए अधिक जानकारी वाली  लेबर आसानी से नहीं मिलती जोकि कैविटी वॉल बनाने के लिए चाहिए।


कैविटी वॉल का कंस्ट्रक्शन, इंजीनियर की देखरेख में होना चाहिए इसके लिए आपको आर्किटेक्ट या सिविल इंजीनियर की सलाह की आवश्यकता होती है।


कैविटी वॉल के लिए इस्तेमाल होने वाले डीपीसी (DPC) को अच्छे से लगाने की जरूरत होती है इसके लिए आपको वर्टिकल डीपीसी (vertical DPC) और होरिजेंटल डीपीसी (horizontal DPC) लगाने की जरूरत होती है।



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