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Concrete meaning | Concrete mix | Concrete ratio | Types of concrete | कंक्रीट के प्रकार

Concrete meaning | Concrete mix | Concrete ratio | Types of concrete | कंक्रीट के प्रकार


Concrete meaning | Concrete mix | Concrete ratio | Types of concrete

कंक्रीट ,निर्माण क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाली संरचनात्मक सामग्रियों में से एक है,जो सीमेंट, महीन एग्रीगेट (रेत) और मोटे एग्रीगेट (बजरी ) तथा पानी के मिश्रण के उपरांत प्राप्त किया जाता है।आमतौर पर कंक्रीट को बनाने के लिए पोर्टलैंड सीमेंट का  इस्तेमाल किया  है।

कंक्रीट का उपयोग  भवन निर्माण में, नींव, स्तंभ, बीम, स्लैब और अन्य लोड असर वाली संरचनाओं के निर्माण के लिए किया जाता है। कंक्रीट बनाने के लिए बाध्यकारी सामग्री सीमेंट के स्थान पर अनेक प्रकार की बाध्यकारी सामग्रियों जैसे चूना, बिटुमेन आदि हो सकतें हैं। 

कंक्रीट का उपयोग निर्माण कार्यों के अनुसार भिन्न भिन्न क्षमता व शक्ति के अनुसार हो सकता है जिसमें कंक्रीट की क्षमता के अनुसार बाजार में उपलब्ध सीमेंट का इस्तेमाल किया जाता है।

आधुनिक निर्माण कार्यों के लिए उपयुक्त कंक्रीट कार्यों के लिए विभिन्न प्रकार के सीमेंट का इस्तेमाल किया जाता है। जिसमें विभिन्न गुण और कार्य के अनुसार भिन्न क्षमता होती है। कुछ प्रकार के सीमेंट पोर्टलैंड पोज़ोलाना सीमेंट व तेजी से सख्त होने वाले सीमेंट सल्फेट प्रतिरोधी सीमेंट आदि है।

कंक्रीट को आवश्यक शक्ति प्राप्त करने के लिए कंक्रीट मिक्स डिजाइन करना पड़ता है। कंक्रीट मिक्स डिजाइन के लिए एक सामग्रियों को विशिष्ट अनुपात के साथ मिलाया जाता है। कंक्रीट के लिए मिश्रण की शक्ति को M5 , M10, M15, M20, M25, M30, आदि के रूप में निर्दिष्ट की जाती है। जहां M मिक्स , और 5, 10, 15, 20, 25 आदि को मिक्सर की शक्ति को दर्शाता है जो KN/ M2 होती है।

भारत में कंक्रीट मिक्स डिजाइन के लिए IS Code -10262 व 2009 की आवश्यकता होती है। संरचनात्मक कंक्रीट के लिए ACI 318 व स्ट्रक्चरल कंक्रीट के लिए ACI 301 की आवश्यकता होती है। 

कंक्रीट का इस्तेमाल भवन निर्माण के समय बनने वाले डिजाइन ,आकार प्रदान करने के लिए किया जाता है।

भवन निर्माण की संरचनात्मक सदस्यों जैसे बीम स्लैब , स्टेयर केश , फुटिंग्स , लिंटल आदि का निर्माण कंक्रीट के साथ किया जाता है। आधुनिकता के साथ भवन निर्माण के लिए इन दिनों अनेक प्रकार के कंक्रीट का निर्माण किया जा रहा है जैसे रेडी मिक्स कंक्रीट 

इनमें विशेष गुण और विशेषताएं हैं जो भवन निर्माण कार्यों के लिए उचित तथा आवश्यकता के अनुसार निर्माण की गुणवत्ता में सुधार करते हैं।


कंक्रीट घटक

कंक्रीट बनाने में सीमेंट , रेत , समुच्चय और पानी आदि घटकों का उपयोग होता है। सीमेंट और पानी के मिश्रण को पेस्ट कहा जाता है। जो मिश्रण के समय रेत और समुच्चय के साथ मिलाया जाता है। समुच्य के स्थान पर चट्टानों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।

सीमेंट पेस्ट ठीक और मोटे समुच्चय के साथ मिश्रित किया जाता है।जो समुच्चयों को आपस में बांधता है।
घटकों के मिश्रण के तुरंत बाद जलयोजन प्रतिक्रिया शुरू किया जाता है।जो कंक्रीट को ताकत प्रदान करता है।साथ ही कंक्रीट को ठोस बनाता है। 


कंक्रीट ग्रेड्स

कंक्रीट ग्रेड्स , कंक्रीट के घटकों के मिश्रित अनुपात पर निर्भर करता है। कंक्रीट का ग्रेड्स निर्माण के लिए अपनी ताकत (स्ट्रेंथ) को दर्शाता है। उदाहरण के लिए M20 ग्रेड को इस प्रकार समझते हैं । जहां M का अर्थ है मिक्स और 20 कंक्रीट की संपीडन सामर्थ्य (compressive strength) है। जिसका संपीडन सामर्थ्य (compressive strength) 20 KN/MM2 है।

कंक्रीट का ग्रेड्स जानने के लिए प्रयोगशालाओं में परिक्षण किया जाता है उदाहरण के लिए M20 ग्रेड्स के लिए मिश्रण 1:1.5:3 है। जहां सीमेंट का अनुपात 1, रेत का अनुपात 1.5 ,तथा 3 इस्तेमाल होने वाले एग्रीगेटरों का मिश्रण है।

कंक्रीट की ताकत को मापने के लिए कंक्रीट घन अथवा सिलेंडर को चुना जाता है जिसको संरचनात्मक सदस्यों की कास्टिंग के दौरान बनाया जाता है। स्टैंथ को जानने के लिए घन अथवा सिलेंडर की कंप्रैसिव स्टैंथ मशीन की सहायता से स्टैंथ को टेस्ट किया जाता है।

कंक्रीट के नियमित  ग्रेड्स M15, M20, और M25 है। साधारणतया आमतौर पर भवन निर्माण में M15 का इस्तेमाल किया जाता है। रएंफोर्रसमेंट के लिए M20 ग्रेड कंक्रीट का इस्तेमाल किया जाता है।


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कंक्रीट कैसे बनाएं?

कंक्रीट को दो प्रकार से बनाया जाता है।पहला प्रकार समान्य मिश्रण जबकि दूसरा मिश्रण को डिजाइन किया जाता है। छोटे आवासीय भवनों के लिए सामान्य मिश्रण का इस्तेमाल किया जाता है जिसका मिश्रण अनुपात 1:2:4 होता है।यह सबसे लोकप्रिय अनुपात है।


डिजाइन मिश्रित कंक्रीट का अनुपात को विभिन्न प्रयोगशालाओं में परिक्षणों के आधार पर डिजाइन किया जाता है।
प्रयोगशालाओं में परिक्षण संरचनात्मक डिजाइन के अनुसार आवश्यक शक्ति प्राप्त करने के लिए स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्री के आधार पर आयोजित किया जाता है।


इस प्रकार की प्रक्रिया को कंक्रीट मिक्स डिजाइन कहते हैं। अनुपात ज्ञात होने पर उपयुक्त अवयवों को चयनित अनुपात में मिलाया जाता है। मिक्सिंग के अनेक प्रकार हो सकतें हैं। हैंड मिक्सिंग, मशीन मिक्सिंग, या बैंचिंग प्लांट ।

अच्छी गुणवत्ता के लिए उपयुक्त विकल्प का चयन किया जाता है। हाथ के द्वारा मिश्रण में , प्रत्येक सामग्रियों को एक समतल स्थान पर रखा जाता है फिर फावड़े की सहायता से मिश्रण किया जाता है।


मशीन मिश्रण में विभिन्न प्रकार की मशीनों का उपयोग किया जाता है। जिससे इस्तेमाल कंक्रीट की ताज़ा कंक्रीट प्राप्त होता है।

एक बार जब कंक्रीट पर्याप्त रूप से मिश्रित हो जाता है  तब कंक्रीट को कास्टिंग वाले स्थान पर ले जाया जाता है और फॉर्मवर्क के अनुसार में डाला जाता है। पर्याप्त ताकत हासिल करने के लिए कंक्रीट को निर्धारित समय दिया जाता है।

फॉर्मवर्क को हटाने के बाद, वाष्पीकरण के कारण नमी की कमी को पूरा करने के लिए विभिन्न तरीकों से तेराई किया जाता है। हाइड्रेशन प्रतिक्रिया के लिए नमी की आवश्यकता होती है जो सेटिंग और ताकत हासिल करने के लिए जिम्मेदार होती है।  इसलिए, फॉर्मवर्क को हटाने के बाद न्यूनतम 7 दिनों के लिए इस प्रक्रिया को जारी रखा जाता है।





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