Construction hub

Construction hub

What is soldering in Hindi | Types of soldering | सोल्डरिंग क्या है | सोल्डरिंग के प्रकार

What is soldering in Hindi | Types of soldering | सोल्डरिंग क्या है | सोल्डरिंग के प्रकार 


सोल्डरिंग प्रक्रिया अंतर्गत एक जैसी धातु या अलग-अलग प्रकार की धातुओं को आपस में जोड़ा जाता है सोल्डरिंग प्रक्रिया का उपयोग में विद्युत तारों धातु की पाइपों आदि को जोड़ने में किया जाता है।

What is soldering in Hindi

सोल्डरिंग प्रक्रिया द्वारा पाइपों को जोड़ने के लिए मिश्र धातु का इस्तेमाल किया जाता है प्रक्रिया में सोल्डरिंग आयरन को गर्म किया जाता है जिसको ब्लो लैंप ब्लो टार्च या गैस फ्लेम का उपयोग भी किया जाता है फिर सोल्डर को पाइपों अथवा तारों पर लगाया जाता है पाइपों तथा तारों पर सोल्डर लगने के बाद वह ठंडा हो जाता है ठंडा होने के उपरांत वह जम जाता है जिससे पाइप अथवा तार आपस में जुड़ जाते हैं ।

सोल्डरिंग प्रक्रिया में उपयोग किए जाने वाले सोल्डर का गलनांक जोड़े जाने वाली धातु के नाम से कम होना चाहिए ।


सोल्डरिंग में उपयोग होने वाले दांत में टिन (tin), लैड (lead), एंटीमनी (antimony), काॅपर (copper), कैडमियम (cadmium), ज़िंक (Zink), सिल्वर (silver), फॉस्फोरस  (Phosphorus) आदि हैं।


आमतौर पर सोल्डर दो प्रकार के होते हैं।

Soft solder | सॉफ्ट सोल्डर

Hard solder | हार्ड सोल्डर

What is soldering in Hindi

Soft solder | सॉफ्ट सोल्डर 

सॉफ्ट सोल्डर के द्वारा बनाए गए जॉइंट्स 45 डिग्री पर खुल जाते हैं अर्थात जहां पर वर्किंग टेंपरेचर (working temperature) 5 डिग्री से कम हो उस स्थान पर लगाने के लिए सॉफ्ट सोल्डर उपयोगी होता है।

Soft solder

                                                                   Soft solder

सॉफ्ट सोल्डर बनाने के लिए प्रमुख रूप से टिन (tin), लैड (lead), एंटीमनी (antimony), काॅपर (copper), कैडमियम (cadmium), ज़िंक (Zink), सिल्वर (silver) की मिश्र धातुओं का प्रयोग किया जाता है।

सॉफ्ट सोल्डर को लगाने के लिए टिन (tin), लैड (lead) धातुओं का सबसे अधिक उपयोग किया जाता है इस के मिश्रण को बनाने के लिए इन को आपस में 63:37 के अनुपात में मिलाया जाता है।

सॉफ्ट सोल्डर का उपयोग मुख्यतः विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के जॉइंट लगाने के लिए किया जाता है

सॉफ्ट सोल्डर का उपयोग ऐसे स्थानों पर जॉइंट लगाने के लिए किया जाता है जहां पर तापमान 45 डिग्री से कम हो।

सॉफ्ट सोल्डर में फ्लैक्स (fluxes) के रूप में रेसिंन ज़िंक क्लोराइड ( zink chloride) , अमोनिया क्लोराइड (ammonium chloride) आदि का उपयोग किया जाता है।


Hard solder | हार्ड सोल्डर

अधिक मजबूत और अधिक तापमान पर कार्य करने के लिए हार्ड सोल्डर का प्रयोग किया जाता है।

hard solder
hard solder


हार्ड सोल्डर का मानक गलना 45 डिग्री से अधिक होता है अर्थात हार्ड सोल्डर को लगाने के लिए 45 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक तापमान की आवश्यकता होती है।

हार्ड सोल्डर लगाने के लिए इस्तेमाल होने वाली धातुओं मुख्यता जिंक (Zink) एवं तांबा (copper) होता है इन धातुओं जोड़ने के लिए 33% और 67% कॉपर के मिश्रण को सोल्डिंग के लिए तैयार किया जाता है तैयार यह मिश्रण एक मजबूत जॉइंट प्रदान करता है। इस सोल्डर को स्पेलर सोल्डर (spelter solder) भी कहा जाता है।

हार्ड सोल्डर का प्रयोग मोटे तारो, बड़े पाइपों, धातुओं के बड़े बड़े टुकड़ों को आदि को जोड़ने के लिए किया जाता है।

हार्ड सोल्डर लगाने के लिए फ्लैक्स (fluxes) के रूप में और बोरेक्स पाउडर का उपयोग किया जाता है।

soldering





सम्बंधित विषय

What is pipe in Hindi What is BOQ in Hindi | What is OPC Cement  What is FAR in Hindi   What is carpet area in Hindi | What is landscape architecture | What is Fly ash Brick & benefits? | What is architecture  | what is concrete mixture  | Construction Management in Hindi  | Construction Material in Hindi | Types of brick in Hindi | What is DPC in Hindi | How to calculate Bricks in Hindi | How calculate weight of Steel |  What is tender in Hindi 

आशा करता हूँ यह पोस्ट आपको जरूर पसंद आया होगा। यदि इसमें कोई त्रुटि रह गयी हो तो उसके लिए मुझे क्षमा करते हुए उस त्रुटि की ओर मेरा ध्यान केंद्रित करवाएं ताकि हम उसमे सुधार कर सकें।आप मेरे फेसबुक पेज कंस्ट्रक्शन हब को फोलो कर सकते हैं।

धन्यवाद।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ