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Top 10 biggest dam in India | भारत के 10 सबसे बड़े डैम | Tehri dam, Uttarakhand

Top 10 biggest dam in India | भारत के 10 सबसे बड़े डैम | Tehri dam, Uttarakhand


Top 10 biggest dam in India


जल जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन इस संसाधन का संरक्षण सही से ना किया जाए तो यही जीवन देने वाला संसाधन, विनाशकारी में बदल सकता है।

पानी को सही ढंग से सुरक्षित रखने और संरक्षित करने में सहायता करते हैं बांध

बांध एक ऐसी संरचना होती है जो पानी को रोक के रखती है और बाद में इसी जल का प्रयोग बिजली उत्पन्न करने के लिए और जल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के लिए किया जाता है।

भारत में पहले से ही लगभग 4300 निर्मित बड़े बांधों और जलाशयों का निर्माण किया गया है भारत में कई नदियां और जल सूत्र मौजूद हैं जिनमें बहने वाले जल का संरक्षण करने के लिए बांधों का बनना आवश्यक हो जाता है।

भारत में कई बेहद बड़े और प्रसिद्ध बांध मौजूद हैं जिनका उपयोग बिजली उत्पन्न करने सिंचाई करने और औद्योगिक कार्यों के लिए किया जाता है।

भारत में बांधों के निर्माण में प्रगति आजादी के बाद आयी , आजादी से अभी तक लगभग ४३०० बांध जो अपना कार्य कुशलता से कर रहे हैं।भारतीय संस्कृति, भाषा से लेकर स्थिति तक विविधता में समृद्ध देश है। भारत में कुछ ऐसे बांध हैं जिनको देखकर आप आश्चर्यचकित हो सकते हैं तो आइए जानते हैं कि भारत में टॉप 10 सबसे बड़े बांध और उनकी विशेषताएं 


Tehri dam, Uttarakhand | टिहरी बांध उत्तराखंड

उत्तराखंड में स्थित टिहरी बांध दुनिया का सबसे ऊंचाई वाले बांधों में से एक और भारत का सबसे ज्यादा ऊंचाई वाला बांध है।


Tehri dam, Uttarakhand | टिहरी बांध उत्तराखंड


उत्तराखंड में भागीरथी नदी पर स्थित बांध है। टिहरी बांध, 261 मीटर की ऊंचाई और 575 मीटर लंबाई के साथ यह भारत का सबसे ऊंचाई वाला बांध है।

एयरपोर्ट पत्थरों से बना तटबांध है इस बांध का पहला हिस्सा 2006 में पूर्ण हुआ था।

टिहरी बांध में 2 लाख एकड़ फीट तक जल संरक्षित रखा जा सकता है जिसका उपयोग सिंचाई और बिजली उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।

टिहरी बांध में 1000 मेगावाट तक की बिजली उत्पन्न की जा सकती है। टिहरी बांध 52 हजार वर्ग किलोमीटर एरिया में फैला हुआ बांध है जो इसको भारत का सबसे बड़ा बांध बनाता है।


Bhakra nangal dam, Himachal Pradesh | भाखड़ा नांगल बांध, हिमाचल प्रदेश 

भाखड़ा नांगल बांध कंक्रीट से बना और गुरुत्वाकर्षणी बांध है। यह हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी पर बना हुआ है। भाखड़ा नांगल बांध भारत का दूसरा सबसे बड़ा और ऊंचा बांध है।

Bhakra nangal dam, Himachal Pradesh | भाखड़ा नांगल बांध, हिमाचल प्रदेश


भाखड़ा नांगल बांध की ऊंचाई 225 मीटर और लंबाई 520 मीटर है यह एशिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है। यह बांध, भारत में सबसे उन्नत बांधों में से एक है।

भाखड़ा नांगल बांध, 7501775 एकड़ फीट तक जल संरक्षित करता है इसमें 1450 मेगावाट तक की बिजली उत्पन्न किया जा सकता है।


Sardar sarovar dam (Narmada dam) | सरदार सरोवर बांध, गुजरात

सरदार सरोवर बांध को नर्मदा बांध के नाम से भी जाना जाता है। सरदार सरोवर बांध नर्मदा नदी पर बनी भारत की महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध सबसे बड़ी और कीमती संरचनाओं में से एक है।

Sardar sarovar dam


सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई 163 मीटर और लंबाई 1210 मीटर है। यह गुजरात की जल व्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण भी है।यह गुजरात में जल को संरक्षित करने या सिंचाई के लिए जल प्रदान करने के लिए सरदार सरोवर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

सरदार सरोवर बांध गुजरात के इलाके, कच्छ और सौराष्ट्र को सूखे से बचाता है और उन्हें जल प्रदान भी कराता है।

इस बांध का उद्घाटन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के द्वारा 5 अप्रैल 1969 को किया गया था।

सरदार सरोवर बांध को सरदार बल्लभ भाई पटेल की स्मृति के रूप में जाना जाता है। यह लगभग 7101775 एकड़ फीट तक जल संरक्षित कर सकता है।जिसकी सहायता से सरदार सरोवर बांध से लगभग 1485 मेगावाट की बिजली उत्पन्न हो सकती है।

सरदार सरोवर बांध भारत के उन बांधों में आता है जो सबसे ज्यादा जल संरक्षित करने वाले बांध हैं।यह अपनी बिजली उत्पन्न करने की क्षमता के अनुसार भारत में सर्वाधिक बिजली उत्पन्न करने वाले बांधों में से एक हैं।

सरदार सरोवर बांध भारत का तीसरा सबसे बड़ा बांध है।


Hirakund dam, udisa | हीराकुंड बांध, उड़ीसा

हीराकुंड बांध उड़ीसा में महा नदी पर स्थित बांध है। हीराकुंड बांध की लंबाई 26 किलोमीटर और ऊंचाई 61 मीटर है।

Hirakund dam, udisa


हीराकुंड बांध भारत का बेहद प्रसिद्ध और उपयोगी बांध है हीराकुंड बांध 4779965 एकड़ फीट जल को संचय करने की क्षमता रखते हैं।

हीराकुंड बांध आजादी के बाद मानव द्वारा रचित जिलों में सबसे महत्वपूर्ण बांध है इस बांध की सहायता से 307.5 मेगा वाट तक की बिजली उत्पन्न करने में सक्षम है।


Nagarjuna Sagar dam, Andhra Pradesh  | नागार्जुन सागर बांध, आंध्र प्रदेश,

नागार्जुन बांध, तेलंगाना में स्थित सबसे पक्का और मजबूत बांध है। इस बांध की ऊंचाई लगभग 124 मीटर है यह तेलंगाना राज्य की सबसे प्रसिद्ध नदी कृष्णा नदी पर बना हुआ है इसे इंसानों द्वारा बनाई गई सबसे बड़ी झील भी कहा जाता है।  जल संरक्षण के साथ-साथ जल का बेहद तरीके से जल संरक्षण करना नागार्जुन बांध बेहद खास हैं।

Nagarjuna Sagar dam, Andhra Pradesh


यह बांध 15 से 50 मीटर लंबाई रखता है जिसमें 26 दरवाजे हैं यह तेलंगाना का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक और वास्तुविद संरचना है।

तेलंगाना में स्थित नागार्जुन सागर बांध को एक पर्यटन स्थल के रूप में देखा जा सकता है नागार्जुन सागर बांध 9371845 एकड़ फिट तक पानी संरक्षित कर सकता है।


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  • Koyna dam, Maharashtra | कोयना बांध, महाराष्ट्र

    कोयना बांध, महाराष्ट्र राज्य में स्थित 130 मीटर ऊंची संरचना है। जो राज्य की जल संरक्षण का महत्वपूर्ण हिस्सा है।


    भारत के 10 सबसे बड़े डैम


    कोई ना बांध का उपयोग जल संरक्षण के अलावा अन्य कामों में किया जाता है जैसे इलाकों में जल पहुंचाने के लिए, सिंचाई के लिए और जल की सहायता से बिजली उत्पन्न करने के लिए

    कोयना बांध जंगल और घने मैदानों से घिरा हुआ है जो इसे घूमने के लिए बेहद रोचक भी बनाता है।

    कोयला बांध सिर्फ महाराष्ट्र के लिए नहीं बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी उपयोगी है।

    कोयना बांध 1920 मेगावाट तक बिजली उत्पन्न करने में सक्षम है।


    Indra Nagar dam, mp | इंदिरा सागर बांध, मध्य प्रदेश

    इंदिरा सागर बांध 92 मीटर ऊंचा और गुरुत्वाकर्षण वाली संरचना है। इंदिरा सागर बांध ,मध्य प्रदेश के लिए काफी महत्वपूर्ण है, जो राज्य को जल प्रदान करता है और आने वाले जल संकट से सुरक्षा भी प्रदान करता है।

    Indra Nagar dam, mp


    इंदिरा सागर बांध भारत के सबसे बड़े और सार्थक बांधों में से एक है इंदिरा सागर बांध सर्वाधिक जल संग्रह बांधों में से एक है जो लगभग 79 लाख एकड़ फीट जल को एकत्रित करने में क्षमता रखता है। इंदिरा सागर बांध 12 से 30 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है जो राज्य को सिंचाई के साथ अन्य कामों के लिए भी जल प्रदान करता है, यह लगभग 1000 मेगावाट तक की बिजली उत्पन्न करने में सक्षम है।


    Rihand dam uttar Pradesh | रिहन्द बांध, उत्तर प्रदेश

    रिहंद बांध भारत का एक बेहद सार्थक बांध है यह भारत का जल संरक्षण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है रिहंद बांध उत्तर प्रदेश में मौजूद बेहद बड़ा और प्रसिद्ध बांध है इसकी लंबाई 934.21 मीटर है और बांध की ऊंचाई 91.44 मीटर है।

    Rihand dam uttar Pradesh


    रिहंद बांध के जल संरक्षण की क्षमता काफी अधिक है। इस मामले में यह भारत के सबसे अधिक बड़े बांधों में अपनी सदस्यता रखता है। यह बांध उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित है।

    रिहंद बांध का उपयोग इलाकों में पानी भेजने और उसे रोकने के लिए किया जाता है इस बांध का उपयोग बिजली उत्पन्न करने के लिए भी किया जाता है रिहंद बांध में लगभग 300 मेगावाट की बिजली उत्पन्न करने की क्षमता है।


    Mettur dam, Tamil Nadu | मैटूर बांध,तमिल नाडु

    मेट्टूर बांध भारत के सबसे बड़े बांधों में से एक है और कावेरी नदी के पार स्थित तमिलनाडु में भी सबसे बड़ा है, जहां यह मैदानी इलाकों में प्रवेश करता है।  

    Mettur dam, Tamil Nadu


    मैटूर बांध की ऊंचाई 120 मीटर है जिसे 1934 में बनाया गया था इसे बनने में लगभग 9 साल का समय लग गया था। 

    मैटूर बांध भारत के सबसे पुराने बांधों में से एक है।

    मैटूर बांध में बिजली उत्पन्न करने की गजब की छमता है इसलिए इस बांध का उपयोग मुख्य रूप से बिजली उत्पन्न करने के लिए किया जाता है 

    मैटूर बांध सिंचाई में भी अपना योगदान देता है यह एक साधारण बांध ही नहीं बल्कि बेहद प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है मैटूर बांध 5600 फीट लंबा और साढ़े चार घन किलोमीटर में फैला हुआ है। जिस कारण इस बांध की गिनती भारत के 10 प्रसिद्ध बांधों में आती है।

    मैटूर बांध 200 मेगावाट की बिजली उत्पन्न करने में सक्षम है।


    Krishna Sagar bandh, Karnataka | कृष्ण सागर बांध कर्नाटक

    कृष्ण सागर बांध मैसूर के पास कर्नाटक में कावेरी नदी पर स्थित है कृष्ण सागर बांध को ना केवल अपने अधिक बिजली उत्पन्न करने की क्षमता और सिंचाई के लिए ही नहीं बल्कि वहां स्थित वृंदावन गार्डन के लिए भी जाना जाता है।


    Krishna Sagar bandh, Karnataka


    कृष्ण सागर बांध बडा और प्रसिद्ध बांध है जिसे राजा कृष्णराज सागर बाँध का नक़्शा अपने समय के विख्यात अभियन्ता श्री एम. विश्वेश्वरैया कृष्णराज सागर बाँध का नक़्शा अपने समय के विख्यात अभियन्ता श्री एम. विश्वेश्वरैया ने बनाया था जिसका निर्माण राजा कृष्णराज वुडेयार चतुर्थ के शासन काल में राज्य की बुरी हालत के समय, भूखमरी की अवस्था में बनाया गया था।

    इस बांध का निर्माण 1911 में दस हजार मजदूरों के द्वारा बनवाया गया था।1931 में बांध जब बनकर तैयार हुआ तो 5000 से 10000 मजदूरों ने अपना घर छोड़ दिया था लेकिन उन्हें उपहार के रूप में जमीन दे दी गई थी।

    कृष्ण सागर बांध 10619 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।कृष्ण सागर बांध एक अरब 36 करोड घन जल के संग्रह की क्षमता है।



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