Slab checklist during concreting | concrete slab inspection checklist | स्लैब कंक्रीटिंग के समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
- Concrete testing | कंक्रीट की जांच
- Slump test | स्लंप की जांच
- Concrete compacting | कंक्रीट कम्पैक्टिंग
- Concrete curing | कंक्रीट क्योरिंग
- Cube testing | क्यूब टेस्टिंग
- Slop testing | लेवलिंग की जांच
- Concrete pour card | कंक्रीट पोर कार्ड
दोस्तों, हमने पिछले आर्टिकल में जाना था कि स्लैब कंक्रीटिंग से पहले किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, जानकारी से संबंधित हम इस आर्टिकल में जानेंगे कि स्लैब कंक्रीटिंग के समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ? तो आइए जानते हैं।
![]() |
Slab checklist during concreting |
Concrete testing | कंक्रीट की जांच
1. साइट पर इस्तेमाल कंक्रीट, आप RMC ( ready mix concrete ) इस्तेमाल कर रहे हो या साइट पर ही कंक्रीट बन रहा है जो भी कंक्रीट इस्तेमाल हो रहा है वह तैयार कंक्रीट 30 मिनट में लग जाना चाहिए।
![]() |
Concrete testing
2. कंक्रीट का तापमान, 32 डिग्री सेंटीग्रेड से ज्यादा नहीं होना चाहिए अगर 32 डिग्री सेंटीग्रेड से थोड़ा सा अधिक है तब कंक्रीट चल जाता है लेकिन 32 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक तापमान होने पर आपको ठंडे पानी या आइस क्यूब (ice cubes) का इस्तेमाल करना होता है इसका इस्तेमाल कंक्रीट के तापमान को स्थिर रखने के लिए किया जाता है।
Slump test | स्लंप की जांच
1. स्लंप की जांच करते समय, फ्रेम (frame) कि अंदर तेल लगाए ताकि कंक्रीट डालने पर वह प्रेम में नहीं बचें।
2. स्लंप जांच के लिए , स्टैंडर्ड साइज के फ्रेम (frame) का इस्तेमाल करना है जिसका साइज 300x 200x100 mm का होता है।
![]() |
Slump test
3. स्लंप जांच करते समय ,फ्रेम (frame) में कंक्रीट को 4 बार में भरना है कंक्रीट भरते समय फ्रेम (frame) में कम से कम 25 बार स्ट्रोक करना है। स्ट्रोक करते समय इस्तेमाल होने वाली आयरन रोड (iron rod) का इस्तेमाल होता है जिसका साइज 16 mm⌀ का रोड और 600 mm लंबाई का होना चाहिए।
4. स्लंप को फ्रेम (frame) में कंक्रीट भरते समय समतल सरफेस (Plain surface) का इस्तेमाल होना चाहिए।
![]() |
Slab checklist during concreting |
5. स्लंप जांच के दौरान चार प्रकार के रिजल्ट प्राप्त होते हैं।
1. True slump
2. Share slump
3. Collapse slump
4. Zero slump
स्लंप इस्तेमाल करते समय 120mm- 130 mm तक स्लंप आता है तो यह इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन अगर 120mm से 130mm से ज्यादा आता है तब उस कंडीशन में हमें पानी की मात्रा को कम करना होगा और साथ में सीमेंट की मात्रा को भी बढ़ाना होगा।
Concrete compacting | कंक्रीट कम्पैक्टिंग
![]() |
Concrete compacting
जब भी कंक्रीट डल रहा होता है तब उस दौरान वाइब्रेटर का इस्तेमाल प्रोपर तरीके से होना चाहिए, वाइब्रेटर में इस्तेमाल निडिल का उपयोग साइट पर हो रहे काम के अनुसार किया जाता है यह अनेक प्रकार के साइज में आता है जैसे 40 mm 60 mm, 80 mm आदि
Concrete curing | कंक्रीट क्योरिंग
![]() |
Concrete curing | कंक्रीट क्योरिंग
कंक्रीटिंग होने के बाद लगभग 30 मिनट से 1 घंटे बाद थोड़ी-थोड़ी क्योरिंग स्टार्ट कर देनी चाहिए, क्योरिंग करते समय उसमें गनी बैग्ज़ को डाल देना चाहिए जो कंक्रीट की नमी को मेंटेन करते हैं जिससे कंक्रीट की स्ट्रैंथ (strength) और ड्युरेबिलिटी (durability) अच्छी होती है।
Cube testing | क्यूब टेस्टिंग
कंक्रीटिंग के दौरान हमें कंक्रीट क्यूब टेस्ट करना होता है जिसके लिए क्यूब फ्रेम को भरा जाता है यह क्यूब टेस्टिंग 7 दिन और 28 दिन पर करना होता है उसके लिए हमें कंक्रीट क्यूबो में कंक्रीट भरना है। जिसनी भी कंक्रीट क्वांटिटी होगी उसके अनुसार कंक्रीट क्यूबो को भरना हैं। यहा क्यूब स्टैंडर्ड साइज 150 mm x 150 mm हो सकता है ।
![]() |
Cube testing
यदि कंक्रीट की मात्रा एक से पांच क्यूबिक मीटर है तब एक सेट क्यूब फिलिंग करेंगे।
एक सेट में कुल छ: क्यूब सेम्पल का चयन करेंगे।और इसी प्रकार कंक्रीट की मात्रा की वृद्धि के साथ क्यूब सेट में वृद्धि करेंगे। जैसे- साइट पर कंक्रीट की मात्रा 6 क्यूबिक मीटर से 15m क्यूबिक मीटर हो रहा है तब आप दो सेट तैयार करेंगे । और यदि 16 क्यूबिक मीटर उसे 30 क्यूबिक मीटर कंक्रीट हो रहा है तब आप 3 सेट तैयार करेंगे।
यदि 31 क्यूबिक मीटर से 50 क्यूबिक मीटर कंक्रीट हो रहा है तब हम चार सेट तैयार करेंगे।
यदि कंक्रीट की मात्रा 50 क्यूबिक मीटर से अधिक होती है तब प्रत्येक 50 क्यूबिक मीटर के लिए एक सेट तैयार करेंगे
जैसे - 100 क्यूबिक मीटर के लिए 4+1
150 क्यूबिक मीटर के लिए 4+1+1
200 क्यूबिक मीटर के लिए 4+1+1+1
क्यूब को कंक्रीट से भरने के लिए 3 लेयर इस्तेमाल करनी है। मतलब तीन बार में कंक्रीट भरना है,प्रत्येक लेयर में रोड से 35 बार स्ट्रोक करना है इस्तेमाल होने वाली राॅड 600 mm लंबी 16 mm⌀ राउंडेड बार इस्तेमाल होनी चाहिए।
Slop testing | लेवलिंग की जांच
जहां-जहां रेन वाटर पाइप के लिए स्लोप (ढ़ाल) चाहिए वहां ड्राइंग के अनुसार स्लोप (ढ़ाल) की जांच करनी है।
Concrete pour card | कंक्रीट पोर कार्ड
कंक्रीट पोर कार्ड एक प्रकार का डाक्यूमेंट्स होता है जिसका इस्तेमाल अक्सर साइट पर कंक्रीट कास्टिंग से पहले चेक लिस्ट के रूप में किया जाता है इसमें ठेकेदार और साइट इंजीनियर के द्वारा साइट विजिट के दौरान जांचा गया कंक्रीट का विवरण होता है।
Slab checklist during concreting | concrete slab inspection checklist | स्लैब कंक्रीटिंग के समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए

सम्बंधित विषय
What is pipe in Hindi | What is BOQ in Hindi | What is OPC Cement | What is FAR in Hindi | What is carpet area in Hindi | What is landscape architecture | What is Fly ash Brick & benefits? | What is architecture | what is concrete mixture | Construction Management in Hindi | Construction Material in Hindi | Types of brick in Hindi | What is DPC in Hindi | How to calculate Bricks in Hindi | How calculate weight of Steel | What is tender in Hindi |
आशा करता हूँ यह पोस्ट आपको जरूर पसंद आया होगा। यदि इसमें कोई त्रुटि रह गयी हो तो उसके लिए मुझे क्षमा करते हुए उस त्रुटि की ओर मेरा ध्यान केंद्रित करवाएं ताकि हम उसमे सुधार कर सकें।आप मेरे फेसबुक पेज कंस्ट्रक्शन हब को फोलो कर सकते हैं।
धन्यवाद।
0 टिप्पणियाँ