Difference between normal inverter and solar inverter in Hindi | सोलर इन्वर्टर और नॉर्मल इन्वर्टर में बीच क्या अंतर है।| luminous solar inverter | difference between hybrid inverter and normal inverter | सोलर बैटरी और नार्मल बैटरी में अंतर | solar inverter vs normal inverter which is better
इन्वर्टर से आप सभी परिचित है जिसका काम घर में आने वाली एसी (AC) सप्लाई को डीसी (DC) सप्लाई में बदलना होता है जिसको इनवर्टर के द्वारा जुड़ी बैटरी में स्टोर कर लिया जाता है।
बैटरी में स्टोर डीसी (DC) करंट का उपयोग घर पर आ रही पावर सप्लाई के जाने के बाद किया जाता है इसके लिए इन्वर्टर फिर से बैटरी में स्टोर डीसी (DC) करंट को एसी (AC) में बदल कर घर के उपकरणों को चलाने के काम आता है।
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दोस्तों, यह आर्टिकल इन्वर्टर इसके संबंध में है जिसमें हम जानेंगे कि सोलर इन्वर्टर और नॉर्मल इनवर्टर में क्या अंतर है और कौन सा इन्वर्टर लगवाना चाहिए साथ ही जानेंगे कि नॉर्मल इन्वर्टर को सोलर इन्वर्टर में कैसे बदला जाता है।
Difference between solar inverter and normal inverter | सोलर इन्वर्टर और नॉर्मल इन्वर्टर में अंतर
सोलर इन्वर्टर और नॉर्मल इन्वर्टर के बीच कुछ मुख्य अंतर समान होते हैं जबकि सोलर इनवर्टर में कुछ एडवांस फंक्शंस होते हैं।
नॉर्मल इन्वर्टर के तीन मुख्य कार्य होते हैं जबकि सोलर इन्वर्टर के यह कार्य 5 हो जाते हैं।
नॉर्मल इन्वर्टर के तीन फंक्शन
Converter | कन्वर्टर
Charger | चार्जर
Inverter | इन्वर्टर
नॉर्मल इन्वर्टर के भीतर लगा कनवर्टर एसी (AC) करंट को डीसी (DC) करंट में बदलने का काम करता है जिसके द्वारा बैटरी को चार्ज कर लिया जाता है। बैटरी के पूर्ण चार्ज होने के उपरांत चार्जर बैटरी को चार्ज करना बंद कर देता है ताकि बैटरी को सुरक्षित रखा जा सके ।
बैटरी के चार्ज होने के उपरांत बैटरी में स्टोर डीसी (DC) करंट को इनवर्टर के द्वारा डीसी (DC) से एसी (AC) में बदला जाता है जिससे एसी (AC) करंट से चलने वाले घरेलू उपकरणों को चलाया जाता है।
How solar inverter work | सोलर इन्वर्टर के कार्य
जैसा कि हमने बताया कि नॉर्मल इन्वर्टर के तीन फंक्शन होते हैं उसी प्रकार सोलर इनवर्टर में तीन फंक्शन के साथ साथ दो और एडवांस फंक्शन होते हैं अर्थात कुल 5 फंक्शन होते हैं यह फंक्शन इस प्रकार हैं।
Converter | कन्वर्टर
Charger | चार्जर
Inverter | इन्वर्टर
Blocker | ब्लॉकर
Charge controller | चार्जर कंट्रोलर
उपरोक्त पांच प्रकार के फंक्शन में शुरू के तीन फंक्शन नार्मल इन्वर्टर के समान काम कार्य करते हैं। जबकि शेष दो फंक्शन के कारण इसकी कीमत ज्यादा और इस इनवर्टर को सोलर इन्वर्टर बनाती है।
Blocker | ब्लॉकर
ब्लॉकर्स फंक्शन यह सभी सोलर इनवर्टर में देखने को मिलता है जिसका काम रात के समय जब सोलर सिस्टम बंद हो जाता है उस दौरान यह ब्लॉकर बैटरी के रूप में रखें डीसी(DC) करंट को सुरक्षित रखता है अर्थात या ब्लॉकर सोलर प्लेट से करंट को सिर्फ आने देता है। जिसको यह वापस नहीं जाने देता है।
Charge controller | चार्जर कंट्रोलर
जैसा कि आपको पता है कि सोलर पैनल के द्वारा 24 घंटे बिजली नहीं उत्पन्न की जा सकती है सोलर पैनल के द्वारा सिर्फ दिन में ही डीसी (DC) करंट प्राप्त किया जा सकता है।
दिन के समय मिलने वाली इलेक्ट्रिसिटी भी फिक्स नहीं रहती है यह भी दिन भर के मौसम पर निर्भर करती है। सुबह के दौरान करंट एफिशिएंसी अलग और दोपहर के समय अलग जबकि शाम के समय कुछ और रहती है और रात के समय में यह बंद हो जाती है।
इन सभी प्रकार की एफिशिएंसी को मेंटेन रखने के लिए एक चार्जिंग स्पीड को फिक्स रखना होता है ताकि बैटरी को सुरक्षित और लंबा समय तक रखा जा सके। तो इस फंक्शन चार्जर कंट्रोलर की सहायता से प्लेट से मिलने वाली बिजली को कंट्रोल करके एक समान करंट के साथ बैठक में स्टोर किया जाता है।
Which inverter should be used in the house | कौन सा इन्वर्टर घर में उपयोग करना चाहिए?
अगर आप सोलर प्लेट्स लगाने की सोच रहे हैं तब आपको सोलर इन्वर्टर ही खरीदना पड़ेगा इसकी कीमत नॉर्मल इन्वर्टर से थोड़ा ज्यादा होती है लेकिन इसको आप नॉर्मल उपयोग और सोलर पैनल के साथ कर सकते हैं।
How to convert normal inverter to solar inverter | नॉरमल इनवर्टर को सोलर इनवर्टर में कैसे परिवर्तित करें।
अगर आपके पास पहले से ही नॉर्मल इनवर्टर है और आप सोलर प्लेट्स लगवा रहे हैं तब आपको नॉर्मल इनवर्टर में सोलर चार्जर और कंट्रोलर को जोड़ना होगा।

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